
Share0 Bookmarks 32 Reads0 Likes
आज फिर मन उदास हुआ
आज फिर उदासी घर कर गई
मन के दरवाज़े बंद किए थे
कोई खिड़की शायद खुली रह गई।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
आज फिर मन उदास हुआ
आज फिर उदासी घर कर गई
मन के दरवाज़े बंद किए थे
कोई खिड़की शायद खुली रह गई।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments