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जाड़ों की ठिठुरन ने एकदिन
अलाव की तपिश से पूछा
किस बात का गुमां तुझको
किस बात का अहंकार है
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जाड़ों की ठिठुरन ने एकदिन
अलाव की तपिश से पूछा
किस बात का गुमां तुझको
किस बात का अहंकार है
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