तस्वीर's image
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एक वृहद कोरे कैनवस पर

कल्पनाओं के रंग भर कर

रचने वाले ने बड़े शौक से

इस कुदरत को गढ़ा होगा

सुंदर एक तस्वीर बना कर

मन ही मनआश्वस्त हुआ होगा


पर्णविहीन वॄक्षों की शाखाएँ

मानव कंकाल सी श्रंखलाएँ

नतमस्तक सी मीचें अँखियां

लज्जित सी निर्वस्त्र आकृतियाँ

देख के ऐसी दुर्दशा दुनिया की

खून के आँसू रोया होगा ।



मं शर्मा( रज़ा)

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