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कंधे बहुत थे मगर उसे
दुख बाँटना न था शायद
सुख बताना भी न पड़ा
खुद ही बाँटने चले आए ।
मं शर्मा( रज़ा)
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कंधे बहुत थे मगर उसे
दुख बाँटना न था शायद
सुख बताना भी न पड़ा
खुद ही बाँटने चले आए ।
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