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सृष्टि सृजन है

सृजन में ही

सृष्टि का विध्वंस है


मैं आज हूँ

क्योंकि मुझे

कल नहीं होना है


इस होने में ही

निहित मेरा

न होना है ।


मं शर्मा (रज़ा)

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