
Share0 Bookmarks 15 Reads0 Likes
सिर पर लाल चुनरी डाल
कर के सोलह श्रंगार
हो कर सिंह पर सवार
माँ आई करने उद्धार
पूजा करूँ ध्यान धरूँ
धूप दीप नैवेद्य करूँ
चरण पखारूँ शीश नवाऊँ
सब जन का मंगल चाहूँ।
मं शर्मा( रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
सिर पर लाल चुनरी डाल
कर के सोलह श्रंगार
हो कर सिंह पर सवार
माँ आई करने उद्धार
पूजा करूँ ध्यान धरूँ
धूप दीप नैवेद्य करूँ
चरण पखारूँ शीश नवाऊँ
सब जन का मंगल चाहूँ।
मं शर्मा( रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments