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वाद था नाद था
उस एकाकार से संवाद था
अनमोल प्रेम की अनुभूति में
भावनाओं का अनुवाद था ।
मं शर्मा( रज़ा)
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वाद था नाद था
उस एकाकार से संवाद था
अनमोल प्रेम की अनुभूति में
भावनाओं का अनुवाद था ।
मं शर्मा( रज़ा)
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