
Share0 Bookmarks 10 Reads0 Likes
विचार के विमर्श तक
जीवन के संघर्ष तक
स्वयं को संलिप्त रख
जन्म के गंतव्य तक
मुश्किलों से जूझ कर
फिसलनों से बच कर
सत्य की तलाश में
सद्मार्ग पर हो अग्रसर
जीवन सतत संग्राम है
क्षण भर ना आराम है
हार न मानना भूल कर
जीत का यदि अरमान है।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments