समुंदर's image
Share0 Bookmarks 8 Reads0 Likes

लहरों की बेचैनी का सबब न पूछ

रखे हैं ज़हन में तूफान छिपा कर


आज समुंदर फिर खारा हुआ है

कल रोया है फिर कोई जी भरकर।


मं शर्मा (रज़ा)

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts