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पिंजरा खुला पर
आज़ादी नहीं थी
घर बदला गया
रिहाई नहीं थी
जीवन सज़ा था
सच्चाई यही थी
बात गहरी देर से
समझ आई थी ।
मं शर्मा( रज़ा)
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पिंजरा खुला पर
आज़ादी नहीं थी
घर बदला गया
रिहाई नहीं थी
जीवन सज़ा था
सच्चाई यही थी
बात गहरी देर से
समझ आई थी ।
मं शर्मा( रज़ा)
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