
Share0 Bookmarks 18 Reads0 Likes
खबर है कि धोखा है
फिर भी अनोखा है
चलो फिर खाते हैं
कुछ नया करते हैं
फरेब के फन का
पारखी होना है
एक रोज़ उससे
बड़ा फरेबी होना है
मुहब्बत का मसीहा
कहता है खुद को
मुझे भी एकदिन
तुझसा खुदा होना है ।
मं शर्मा( रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments