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छोटी सी भूख
थोड़ी सी प्यास
आज की फिकर
न कल की आस
तन के फकीर
मन के चंगे
खुदा के बंदे
मासूम परिंदे
ऊँची उड़ान
खुला आसमान
नन्हीं सी जान
हौसले बलवान
नित नई उड़ानें
गाड़े नित झंडे
खुदा के बंदे
मासूम परिंदे।
मं शर्मा(रज़ा)
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