परती धरती's image
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आँसुओं के प्रवाह से

बाँध सभी टूट गए

पतवारों की मार से

लहरों के सीने छिल गए


भीतर बाहर तूफान मचा

फिर भी प्यासी रह गई

जीवन की सूखी धरती

आखिर क्यों परती रह गई।


मं शर्मा (रज़ा)


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