
Share0 Bookmarks 23 Reads0 Likes
पास हैं फिर भी
दूरियाँ तो हैं
साथ हैं फिर भी
मजबूरियां तो हैं
साथ होने की
खुशफहमियां ही सही
दूर थे जब
नजदीकियां तो थीं ।
म शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
पास हैं फिर भी
दूरियाँ तो हैं
साथ हैं फिर भी
मजबूरियां तो हैं
साथ होने की
खुशफहमियां ही सही
दूर थे जब
नजदीकियां तो थीं ।
म शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments