मसरूफियत's image
Share0 Bookmarks 10 Reads0 Likes

मैं ठहरा रहा वक्त के इंतजार में

वक्त मसरूफ रहा गुजर जाने में

कोई जीने की हिदायत नहीं देता

बाद में सब लग जाते हैं समझाने में

साँसों का चलना ही जिंदगी नहीं

एक उम्र जाती है समझ पाने में।


मं शर्मा (रज़ा)

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts