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मनभावन उद्गार सी
एक पंखुड़ी गुलाब की
अधरों पर जैसे कोई
मुस्कान हो विराजती
संग जीने मरने के
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एक पंखुड़ी गुलाब की
अधरों पर जैसे कोई
मुस्कान हो विराजती
संग जीने मरने के
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