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परिंदे को ऊँची उड़ान चाहिए
कोयल को मीठी तान चाहिए
भौंरे को मधु मकरंद चाहिए
सबको जीवन आनंद चाहिए
जीवन से इन अपेक्षाओं को
अमिट होती इच्छाओं को
आखिर पूर्ण करेगा कौन
दुख का ज़हर पीएगा कौन ।
मं शर्मा(रज़ा)
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