
Share0 Bookmarks 23 Reads0 Likes
हर शख्स अभागा लगा
अपने ग़मों से भागा लगा
बेबसी का आलम तो देखो
कोई न जाना खुशी क्या है
उसने क्षमतानुसार दिया है
दर्द भी तोहफे में मिला है
बेबस सागर का दर्द समझो
चट्टानों पे सिर पटक रहा है।
मं शर्मा( रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments