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होठों पर मुस्कान
आँखों में नमी थी
लगा जैसे मुहब्बत की
बारिश हुई थी
हवाओं में खुशबू सी
महकने लगी थी
मेरी पहली नज़र
उनसे लिपट गई थी ।
मं शर्मा (रज़ा)
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होठों पर मुस्कान
आँखों में नमी थी
लगा जैसे मुहब्बत की
बारिश हुई थी
हवाओं में खुशबू सी
महकने लगी थी
मेरी पहली नज़र
उनसे लिपट गई थी ।
मं शर्मा (रज़ा)
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