Share0 Bookmarks 48426 Reads0 Likes
फूल नहीं मैं कोमल सुंदर
सब के मन को भा जाऊँ
काँटा हूँ मैं कठोर तनधारी
शूल सा सबको चुभता जाऊँ
No posts
No posts
No posts
No posts
फूल नहीं मैं कोमल सुंदर
सब के मन को भा जाऊँ
काँटा हूँ मैं कठोर तनधारी
शूल सा सबको चुभता जाऊँ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments