जिंदगी's image
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तेरी हकीकत जान गया हूँ

नस नस को पहचान गया हूँ

जा मैं तुझको नहीं जानता

तेरे नखरे अब नहीं झेलता


आधी हकीकत आधा फसाना

तेरे झांसे में अब नहीं आना

जा जिंदगी दूर चली जा

जाकर किसी और को भरमा।



मं शर्मा (रज़ा)

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