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मलय सुवासित
पुलकित मन
अंग अंग में
मीठी चुभन
है रोम रोम
सुरभित तन
मन उपवन में
खिले सुमन
धरती ने धारे
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मलय सुवासित
पुलकित मन
अंग अंग में
मीठी चुभन
है रोम रोम
सुरभित तन
मन उपवन में
खिले सुमन
धरती ने धारे
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