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मन का मैल धुल जाएगा
मत कोई मलाल कर
होली का त्यौहार है ये
रंगों पर बवाल न कर
सच्चे रंग ही रंग लाएंगे
फीके सभी उतर जाएंगे
प्रेम के रंग प्रेम से लगाले
क्यों मन में हैं द्वेष पाले।
मं शर्मा( रज़ा)
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