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छुपते छुपाते
यहाँ तक आ पहुँचे
और कितनी दूर
जाना है बता दे
चलना सीखा जबसे
भाग ही रहा हूँ
किस की तलब है
क्या ढूँढ रहा हूँ
कुछ सवालों के मेरे
जवाब दिला दे
खाली हाथ हूँ मैं तो
हासिल है क्या तू बता दे।
मं शर्मा (रज़ा)
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