
Share0 Bookmarks 5 Reads0 Likes
जो सुनी न गई
वो बात कैसी
जो छलकी नहीं
वो आँख कैसी
जो भुला दिया
वो फर्ज़ कैसा
जो मिट गया
वो दर्द कैसा
जो गुज़र गया
वो आज़ कैसा
जो खुल गया
वो राज कैसा
जो उतर गया
वो सुरूर कैसा
जो ले न डूबा
वो गुरूर कैसा ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments