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शोक जताने आए थे
फसाद कराके चले गए
परम हितैषी दुख में भी
दुर्भाव बढ़ाकर चले गए
जाने वाला चला गया
ये लीक पीटते रह गए
स्वर्ग की कामना करने आए
नरक मचा कर चले गए।
मं शर्मा (रज़ा)
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शोक जताने आए थे
फसाद कराके चले गए
परम हितैषी दुख में भी
दुर्भाव बढ़ाकर चले गए
जाने वाला चला गया
ये लीक पीटते रह गए
स्वर्ग की कामना करने आए
नरक मचा कर चले गए।
मं शर्मा (रज़ा)
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