
Share0 Bookmarks 16 Reads0 Likes
नयनों में बसते हैं आँसू
तेरी छवि कैसे बसा लूँ
धुँधलाई सी छवि तुम्हारी
नजर भर के कैसे देखूँ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
नयनों में बसते हैं आँसू
तेरी छवि कैसे बसा लूँ
धुँधलाई सी छवि तुम्हारी
नजर भर के कैसे देखूँ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments