Share0 Bookmarks 53549 Reads0 Likes
शांत झील के पानी में
यूँ उठने लगी हैं तरंगें
मानों शोख तितलियाँ
गुलों पर मंडराने लगी हैं
थो
No posts
No posts
No posts
No posts
शांत झील के पानी में
यूँ उठने लगी हैं तरंगें
मानों शोख तितलियाँ
गुलों पर मंडराने लगी हैं
थो
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments