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सुबह की अरूणिमा
छाई गगन में
लगता है चहुँओर
नवजीवन छाया है
सूरज की रश्मि ने दरिया में
सोना सा बिखराया है
इंदु छिप गया
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सुबह की अरूणिमा
छाई गगन में
लगता है चहुँओर
नवजीवन छाया है
सूरज की रश्मि ने दरिया में
सोना सा बिखराया है
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