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जो दिल में थी गहरे कहीं
आज निकल के आई है
कुछ अनकही सी कहनी है
मिलो कभी हमसे कहीं ।
मं शर्मा(रज़ा)
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जो दिल में थी गहरे कहीं
आज निकल के आई है
कुछ अनकही सी कहनी है
मिलो कभी हमसे कहीं ।
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