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कुछ चाह कम थी
कुछ मन में भ्रम था
असंभव नहीं था
प्रयास ही कम था
कुछ आधे अधूरे से
अनमने प्रयासों ने
विजय पथ पे ढाया
आखिरी स्तंभ था ।
मं शर्मा (रज़ा)
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कुछ चाह कम थी
कुछ मन में भ्रम था
असंभव नहीं था
प्रयास ही कम था
कुछ आधे अधूरे से
अनमने प्रयासों ने
विजय पथ पे ढाया
आखिरी स्तंभ था ।
मं शर्मा (रज़ा)
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