Share0 Bookmarks 250646 Reads0 Likes
मेरे अंदर का मन मौन है...
मेरे बाहर जो आसमान बसता है वो उद्वेलित है..
मेरे अक्स में ढूँढता मुझे ये ज़माना क्षुब्ध है..
No posts
No posts
No posts
No posts
मेरे अंदर का मन मौन है...
मेरे बाहर जो आसमान बसता है वो उद्वेलित है..
मेरे अक्स में ढूँढता मुझे ये ज़माना क्षुब्ध है..
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments