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तुम्हारे जाने के बाद
सब वैसा ही रख छोड़ा है
तुम्हारे आने तक
जैसा छोड़ा था तुमने
तुम्हारे जाने के बाद
तुम्हारी खुशबू कमरों से कम न हो
इसका पूरा ख्याल रखा है
तुम्हारे जाने के बाद
सब खिड़कियां दरवाजे रोशनदान
यहां तक कि सुराख तक मूंद दिए
जिससे ना आ सके समाज
हवा के साथ
धूमिल ना कर सके तुम्हारी खुशबू
तुम्हारे जाने के बाद
चाय के डोंगे को
जमीन पर छपे तुम्हारे पैरों को
गर्दन पर उभरे होठों को
अब तक म
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