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प्रेम की सियासत

ManipratapManipratap January 10, 2023
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मैं तुम्हारी सारी कमियों को

दुसाले से ढक लूं

जैसे तुम्हारे ज़ख्मों को

पट्टी लगाकर सहेज लूं

प्यार में प्रेमी यही तो करते हैं

इसमें कहने की क्या बात है।

या तो तुम्हें प्रेम नहीं हुआ

या फिर तुमने जिंदगी महसूस नहीं की

या फिर हो सकता है तुम्हारी चाल ही सियासी हो

क्योंकि दुख, दुख को सहलाता है

कमीं, कमीं को भर देती है लेकिन

तुम्हें ऐतराज़ है मेरी

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