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ज़िंदाँ ज़िंदाँ तन्हा रातें
दीवारों से दिल की बातें
मक़तल मक़तल एक मदरसा
बस बातें बेबस तामातें
दामन दामन ख़ार उगाओ
पढ़ बैठे हो कई जमातें
रेज़ा रेज़ा दिल की हालत
मे
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ज़िंदाँ ज़िंदाँ तन्हा रातें
दीवारों से दिल की बातें
मक़तल मक़तल एक मदरसा
बस बातें बेबस तामातें
दामन दामन ख़ार उगाओ
पढ़ बैठे हो कई जमातें
रेज़ा रेज़ा दिल की हालत
मे
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