
Share0 Bookmarks 91 Reads1 Likes
#कहाँ था कहीं नहीं बेदख़ल।
दिल मे नहीं दिमाग़ मे रहना चाहता हूँ।।
#क्या करूँ की क़त्ल हो जाऊं।
की बदनाम होना चाहता हूँ।।
No posts
No posts
No posts
No posts
#कहाँ था कहीं नहीं बेदख़ल।
दिल मे नहीं दिमाग़ मे रहना चाहता हूँ।।
#क्या करूँ की क़त्ल हो जाऊं।
की बदनाम होना चाहता हूँ।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments