
Share0 Bookmarks 35 Reads0 Likes
#अच्छे वक़्तों के दोस्त भूल गया।
बुरे वक़्तों के दोस्त याद आए।।
#तमन्ना कोई और तो न थी।
बस ये था आ जाये बस आ जाए।।
#कोई नहीं सुनता था मुझे।
तू ही कहता इक शेर और हो जाए।।
#जिंदा है बेदख़ल तेरी वाह वाही से।
तू मिलता रह औऱ कलम हाथ से न जाए।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments