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तुम अच्छे बहुत हो मगर
अच्छाई का क्या।
छुपाके जो रखते हो
उस बुराई का क्या !
मैं लाख मना लूं
दिल को मगर
बीमारी जो बढ़ा दे
उस दवाई का क्या।
मोहब्बत मोहब्बत
बड़ा करते हो !
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