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लॉक डाउन में हमने देखा
गांव में थी जिंदगी
शहरों में थे डंडे बरसे
पांव में थी जिंदगी।
हर तरफ थे नाके लगे
जिंदगी बड़ी उदास थी
गर्मी भी बेइंतहा थी
यहां छांव में थी जिंदगी।
घर में सबको कैद किया
इंटरनेट दिया था थोप
शहरों में सब डूब गया था
यहां नाव में थी जिंदगी।
अचानक सब कुछ रोक दिया
आग में जीवन झोंक दिया
सबने देखा था करीब से
यहां घाव में थी जिंदगी।
लंगर न चलते भूखे
मरते शहर तेरे
डर का था आलम चहुँ तरफ
वहां दांव में थी जिंदगी।
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