
ऐसा क्या हैं हमारे बीच कि वो हमारा नहीं हो सकता
मैं कभी उसका नहीं हो सकता वो मेरा नहीं हो सकता
अंजान शहर में भी नज़रें तलाश करती हैं तुझको
तेरे शहर से दूर हो कर गुज़ारा नहीं हो सकता
मुद्दतों बाद भी तुम्हारा कब्ज़ा हैं ख़्याल पर मेरे
एक ख़्याल शख़्स का आसरा नहीं हो सकता
तुझ सा बे - नज़ीर ना होगा इस ज़माने में कोई
इस जहां में हम सा कोई नकारा नहीं हो सकता
बड़ी ही नज़ाकत से तकती हैं मेरी नजरें तुझ को
तेरे चेहरे से अच्छा कोई नज़ारा नहीं हो सकता
थम सी गई थी वक्त की सुई तेरे पहले ही दीदार में
मैं जान गया कि तुझ सा कोई प्यारा नहीं हो सकता
तेरे साथ ही ज़िंदगी बितानी हैं मुझको किसी दिन से
दरिया कभी भी समुंदर से किनारा नहीं हो सकता
वो तुझे मिल गईं हैं इतना ही बहुत हैं ' अंकित '
तेरे जैसा शख़्स किसी को भी गवारा नहीं हो सकता
आसरा - जीने का साधन
बे नज़ीर - जिसके बराबर कोई नहीं , अनूठा
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