Share0 Bookmarks 49137 Reads1 Likes
जिन सभी के लिए हम अपनी जान लुटाते जावें हैं
वहीं लोग हमें बीतें दिनों के समान भुलाते जावें हैं
मां अपने बेटे को रोकन लई कई तरकीब लगावें हैं
बापू भी पूत नू रोकन लई कईयों बहाने लावें हैं
उस राह पर चल पड़ा हैं एक मां - बाप का बेटा
जिस राह से कम ही मांओं के बेटे लौट के आवें हैं
दे गया वो अपनों की आंखों में आंसू जाते - जाते
उसकी आंखों में ज़रा सा भी खौफ़ नज़र न आवें हैं
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments