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आहट भी होती हैं तो दरवाज़ा तकता हैं एक शख़्स
जाने किस की हर वक्त राह देखता हैं एक शख़्स
हमसे छीन कर जिसके हिस्से में डाला गया तुझे
क्या मुझ से भी ज्यादा खुश क़िस्मत था एक शख़्स..
सब कुछ खोया एक उसको पाने खातिर मैंने
बिना कुछ किए ही पा गया उसे एक शख़्स..
हमारे दिल के शहर में इश्क़ कि चिंगारी भड़का कर
बिन कुछ बताएं ही वहां से निकल गया एक शख़्स..
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