Main aur Meri Tanhai's image
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जीवन का फलसफा समझा नही हूं

में भटका हूं पर खोया नहीं हूं

माना कई खामियां है मेरे फितरत में

आंखें बंद जरूर है, पर सोया नही हूं


मेरा दिल ना जाने, कई खेल बाजारों के

में अकेला तो हूं, पर तन्हा नहीं हूं

और जो तू चाहे आजमाना मुझे

सहमा तो हूं पर डरा नहीं हूं


गैरो से शिकवा नहीं ,ना कोई उम्मीद थी

नही चाहिए साथी कोई, में अकेला ही सही हूं

और जो ज़िद है की तू अपनाएगा नही मुझे

तो रहने दें मेरे हाल पे,में इतना गिरा हुआ नही हूं


                        लखन

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