
Share1 Bookmarks 121 Reads0 Likes
हुई है आज नम आंखे
कैसे देखे जुल्म आंखे
लाश पड़ी हैं सड़कों पर
ये देख कर हैं पुरनम आंखे
जुल्मों से देश भरा पड़ा है
नहीं देखे थे इतने सितम आंखे
ये देखकर ख़ामोश हैं लोग
है कितना बेदर्द बेरहम आंखे
अगला अंजाम-ए-मौत मेरा है
फिर भी है ये मजलूम आंखे
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments