
Share0 Bookmarks 36 Reads2 Likes
इक गुड़िआ थी सीधी साधी सी
छोटे से घर में रहती थी
जब प्यार मिले तो इठलाती
जब डांट पड़े सह लेती थी
उसे किसी से कोई शिकायत न थी
जबकि गिनवा दी जाती थी
उसको उसकी हर इक गलती
इक दिन इक राजकुंवर आया
बोला तुम हो कितनी सुन्दर
तुम मेरी रानी बन जाओ
फिर साथ रहेंगे दोनों मिलकर
गुड़िआ ने ना कर दी एकदम
पर राजा ना था कोई कम
विश्वास दिला कर रहा उसे
गुणवान बनी है वो सबसे
गुड़िआ को खुद पर गर्व हुआ
फिर बदल गयी दुनिया उसकी
बन गयी ख़ुशी अब हर सिसकी
राजा बोला तुम हो प्यार मेरा
पर और भी है संसार मेरा
छोटे से घर में रहती थी
जब प्यार मिले तो इठलाती
जब डांट पड़े सह लेती थी
उसे किसी से कोई शिकायत न थी
जबकि गिनवा दी जाती थी
उसको उसकी हर इक गलती
इक दिन इक राजकुंवर आया
बोला तुम हो कितनी सुन्दर
तुम मेरी रानी बन जाओ
फिर साथ रहेंगे दोनों मिलकर
गुड़िआ ने ना कर दी एकदम
पर राजा ना था कोई कम
विश्वास दिला कर रहा उसे
गुणवान बनी है वो सबसे
गुड़िआ को खुद पर गर्व हुआ
फिर बदल गयी दुनिया उसकी
बन गयी ख़ुशी अब हर सिसकी
राजा बोला तुम हो प्यार मेरा
पर और भी है संसार मेरा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments