
Share1 Bookmarks 51 Reads0 Likes
तुम अंबर में चांद कोई
मैं जिसमें हो गया विलीन
मै सितारों का इक पनघट हूं
तुम मंदाकिनी का दृश्य हसीन
तुम दिनकर की भोर कोई
मैं दिनकर का उजाला हूं
तुम सुबह की प्रथम किरण
मैं दोपहर की ज्वाला हूं
तुम अद्वितीय हजारों में
मेरे जैसे हजार
मैं अंधकार का कोना हूं
तुम हो रोशनी अपार
तुम सुगंधित कुसुम सी हो&nbs
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments