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तुम अंबर में चांद कोई
मैं जिसमें हो गया विलीन
मै सितारों का इक पनघट हूं
तुम मंदाकिनी का दृश्य हसीन
तुम दिनकर की भोर कोई
मैं दिनकर का उजाला हूं
तुम सुबह की प्रथम किरण
मैं दोपहर की ज्वाला हूं
तुम अद्वितीय हजारों में
मेरे जैसे हजार
मैं अंधकार का कोना हूं
तुम हो रोशनी अपार
तुम सुगंधित कुसुम सी हो&nbs
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