अज्ञात का भान's image
Share0 Bookmarks 58 Reads0 Likes

कण कण है प्रतिकृति

उस श्रृष्टा की अंशभूत 

है जो कण कण में

 

कारण है वो सकल कर्मों का

कर्ता है वो सकल कर्मों का

कर्मफल वो सकल कर्मों का 


एक डर है जो कुछ के लिए

एक आस्था है जो कुछ के लिए 


जिस के लिए कोई कुछ

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts