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रह जाये न उलझ के ये ज़ुल्फ़-ए-दराज़-ए-यार में
वक़्त-ए-विसाल पर ज़रा दिल को संभाल कर रखो
किरण के. ✍
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वक़्त-ए-विसाल पर ज़रा दिल को संभाल कर रखो
किरण के. ✍
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