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किनारे तक ही सीमा है -
उस समंदर की जीने की,
उसके सिवा उसे याद कौन आता है।
साहिल के पास सभी आते है-
अपनी मंजिल को लेकर,
उसका हाल पूछने कौन आता है।
- केतन आपटे
उस समंदर की जीने की,
उसके सिवा उसे याद कौन आता है।
साहिल के पास सभी आते है-
अपनी मंजिल को लेकर,
उसका हाल पूछने कौन आता है।
- केतन आपटे
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