
तिरे माथे पे ये आँचल बहुत ही ख़ूब है लेकिन
तू इस आँचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था
- असरार-उल-हक़ मजाज़
एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिला
जाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं
- बशीर बद्र
औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाज़ार दिया
जब जी चाहा मसला कुचला जब जी चाहा धुत्कार दिया
- साहिर लुधियानवी
बताऊँ क्या तुझे ऐ हम-नशीं किस से मोहब्बत है
मैं जिस दुनिया में रहता हूँ वो इस दुनिया की औरत है
- असरार-उल-हक़ मजाज़
बेटियाँ बाप की आँखों में छुपे ख़्वाब को पहचानती हैं
और कोई दूसरा इस ख़्वाब को पढ़ ले तो बुरा मानती हैं
- इफ़्तिख़ार आरिफ़
कौन बदन से आगे देखे औरत को
सब की आँखें गिरवी हैं इस नगरी में
- हमीदा शाहीन
शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास
रौनक़ें जितनी यहाँ हैं औरतों के दम से हैं
- मुनीर नियाज़ी
तलाक़ दे तो रहे हो इता
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